Friday, 2 September 2016

अब कैसे जाओगे पंजाब?

कहते है राजनीती एक गंदा दलदल है जिसमे कोई एक बार फस जाए तो निकलना बेहद मुश्किल हो जाता है। एक तो हमारे देश में युवा वैसे ही राजनीती की तरफ नहीं बढ़ते, ऊपर से रोजाना राज नेताओं के घिनोने काम सामने आजाने से बची कुची कसर भी खत्म हो जाती है। राजनीती के बिना हमारा देश अधूरा है क्योंकि यहाँ राजनेता ही समाज और देश का चेहरा कहलाते है लेकिन अब ये चेहरे आम जनता से नजरें मिलाने लायक नहीं रहे है। आजकल राजनेताओं को देश के लिए कुछ करने में कोई फायदा नजर नहीं आता, न ही वो इसे अपना कर्तव्य मान रहे है। उन्हें बस पैसों से मतलब है और किसी भी तरह फिर जीतने की आस। बात करे आजकल के नेताओं की तो टीवी और अख़बारों में तो पूरी दुनिया ने ही देख लिया है की आज कल नेताओं को क्या चाहिए, और वो किस चीज़ का शौक़ रखते है। आप के मंत्री का नया नया सेक्स स्कैंडल इस बात को बताता है की नेतागीरी की आड़ में क्या क्या होता है। ये पहली बार नहीं है की किसी नेता का यूं सेक्स सीडी बनी हो, इससे पहले भी कई बार अलग अलग पार्टियों से जुड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगे है। धोखाधड़ी, बलात्कार, उत्पीड़न और सेक्स स्कैंडल तो नेताओं के लिए आम हो चुका है। अगर आप के इस मंत्री का ये आपत्तिजनक वीडियो सामने नहीं आता तो आम जनता की नजरों में वो हमेसा जी अच्छी मंत्री रहता, जनता को क्या पता की जिस इंसान को वो वोट दे रहे है एक दिन वो उन्हें ये खबर देंगे। लेकिन इसमें सारा कसूर जनता का नहीं है, उन्हें क्या पता की किसका चरित्र ठीक है किसका गलत? लेकिन वो पार्टी के मुखिया है उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वो किस मंत्री को जनता की जिम्मेदारी सौंप रहे है। सिर्फ मंत्री बनाना ही मकसद नहीं होना चाहिए, मंत्री बनने के बाद भी मुखिया का फर्ज है की अपने सभी मंत्रियों और नेताओं के कामकाज पर ध्यान दे। 
      राजनीती को शर्मशार करने वाली ये घटना से आज देल्ही की जनता सदमे में है की उन्होंने किसे वोट देकर जीत दिला दी। हमारे देश में राजनीती हमेसा ही उछल कूद करती रही है, कभी नेता भ्रष्टाचार में फसे है तो कभी गंदे कारनामो में। आप नेता संदीप कुमार के सीडी कांड से केजरीवाल सरकार के लिए मुसीबतों का पहाड़ टूटा है तो बीजेपी और कंग्रेस के लिए ये मौके पर चौके मारने का समय है। और वो चौके-छक्के मार भी रहे है। पूरे देश में इस वक़्त सेक्स स्कैंडल में फसे आप नेता और केजरीवाल सरकार के खिलाफ जंग शुरू हो चुकी है। अरविन्द केजरीवाल के सामने पहाड़ समान एक सवाल खड़ा हो गया है कि इस कांड के बाद पंजाब में जीत के बारे में सोचा जाये या नहीं।

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