कहते है युवा ही आने वाले कल में देश को आगे लेकर जाते है, उनके कंधों पर देश की जिम्मेदारियां आ जाती है लेकिन आज युवा गलत रास्ते पर जाता दिख रहा है। आज नशे की लत, दारू,सिगरेट छेड़ छाड़ जैसे कामों में युवा ही आगे दिखते है। जिस ऊम्र में इंसान को सही गलत समझ लेना चाहिए और अपना, अपने परिवार और समाज का भला सोचना चाहिए उस उम्र में आजकल युवा नशे की और आकर्षित हो रहे है।
हर देश में युवाओं का बेहद ख़ास योगदान रहता है क्योंकि इस उम्र में युवाओं में जोश और जुनून दोनों ही सातवें आसमान में रहती है उन्हें ये जूनून और जोश समाज के लिए दिखाना चाहिए न की दारू, सिगरेट पीने में। रोजाना अख़बारों और टेलीविज़न में हम देखते है की 18-19 साल के युवा बच्चे चोरी करते हुए पकड़े गए, या छेड़छाड़ में फसे है ये सब देखके बड़ा दुःख होता है। उनके माँ बाप पे क्या बीतती होगी जब इस उम्र में उनका लाडला क्राइम के राह पे चलता दिखाई देता है। डेल्ही का निर्भया कांड हो या बुलन्द्शेहर गैंगरेप या JNU जैसे विश्व प्रख्यात विश्वविधालय का कांड हर बुरे काम में आज युवा अपनी भागेदारी साबित कर रहा है। और इसका असर सिर्फ उनकी जिंदगी में नहीं पड़ रहा बल्कि उनके जैसे हजारों, लाखों युवाओं की सोच में भी पड़ रहा है। पिछले 5 सालों में हमारे देश में जितने भी बलात्कार हुये है उनमे 65 % कांड में युवा शामिल है। मतलब प्रगति की बातें करने वाला युवा, देश को सुनहरे सपने दिखने वाला युवा आज गलत कामों की वजय से देश का नाम शर्म से निचे करने पे तुला है। में खुद ही बहुत बार देखता हूँ की 14-15 साल के बच्चे झाड़ियों में छिपकर सिगरेट पीते है, और नशे में दुबे रहते है। न उन्हें किसी बड़े का डर रहता है न ही घरवालों का। ना जाने कहाँ से उनके पास इन सब चीजों के लिए पैसे कहाँ से आते है? और न जाने कैसे उनके घरवालों को उनके काम के बारे में मालूम नहीं चल पता।
अमेरिका, चीन जैसे देशों में युवा 18-20 साल की उम्र में काबिल इंसान बन जाता है, अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है लेकिन हमारे देश में युवा इन उम्र में जेल जाने को बेताब हो रखे है। हर देश का भविष्य होते है वहां के युवा, अगर युवाओं का सही साथ और सही सोच हमारे समाज को मिले तो देश में कोई भी बीमारी नाजी रहेगी। न कभी देश किसी रेस में अन्य देशो से पीछे रहेगा।
अमेरिका, चीन जैसे देशों में युवा 18-20 साल की उम्र में काबिल इंसान बन जाता है, अपने पैरों पर खड़ा हो जाता है लेकिन हमारे देश में युवा इन उम्र में जेल जाने को बेताब हो रखे है। हर देश का भविष्य होते है वहां के युवा, अगर युवाओं का सही साथ और सही सोच हमारे समाज को मिले तो देश में कोई भी बीमारी नाजी रहेगी। न कभी देश किसी रेस में अन्य देशो से पीछे रहेगा।
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