आज फिर हिंदुस्तान को आतंकवाद ने झटका दे दिया, एक बार फिर हमारे देश के वीर जवान सरहद की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गए, एक बार फिर आतंकवादियों ने हमारा दिल झंझोर दिया। आज आतंकवाद से सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरा विश्व परेशान है, आतंकवाद ने अपना पैर हमारे देश में फिराने शुरू कर दिए है,इसका सबूत ये है कि आज कश्मीर में युवायों के हाथों में पत्थर पकड़वा चुके है आतंकवादी। आतंकवादियों के निशाने पर अब कश्मीर के युवा है जिनको कुछ पैसों का लालच देकर वो BSF के जवानों पर पथराव करवा रहे है।
पता है हिंदुस्तान की सबसे बड़ी कमजोरी क्या है, यहाँ के लोगों का एकजुट ना होना। यहाँ हर कोई पैसों के लिए जीता है और पैसों के लिए ही मर जाता है, अगर बात करे कश्मीर की तो यहाँ हालाद हमेसा से नाजुक रहे है। चाहे कश्मीर का मुद्दा हो या नक्सलियों का, यहाँ साल भर आतंकवादी मुठभेड़ चलती रहती है, लेकिन अब आतंकवादियों ने हिंसा बड़ाने के लिए नया हथियार के रूप में यहाँ के युवायों का इस्तेमाल करना सीख लिया है। जी हां अब वो कश्मीर के युवायों को कुछ रुपयों का लालच देकर घाटी में हिंसा कर वा रहे है। कश्मीर और बीएसएफ का हमेसा से रिश्ता कुछ खास नहीं रहा है इसी बात को फायदा उठाते हुए अब आतंकवादी घाटी के युवायों से बीएसएफ के जवानों पर पथराव करवा रहे है, जिसमे बहुत से जवान घायल हो रहे है और घाटी में लगातार तनाव भी पैदा हो रहे है। सेना के जवान भी मजबूर है क्योंकि घाटी के युवायों पर गोलियां चलाना एक तरह से गलत ही है क्योंकि वो हमारे ही देश के है,ऐसे में इस परिस्थितियों से निपटने के लिए बीएसएफ के जवान हवाई फायरिंग, आंसू गैस और लाठी का सहारा लेने को मजबूर है। याआतंकवादियों को यही तो चाहिए की भारत में लोग ही उनका काम आसान कर दे। एक तरफ आतंक की राह में भटक कर सेना पर पथराव किया जा रहा है तो वहीँ कश्मीर का ही एक युवा ऐसा है जिसकी सोच इन युवायों से अलग है। वो कश्मीर का युवा है नबील वानी, जिसने बीएसएफ 2016 की परीक्षा में पूरा भारत टॉप किया है और बन गया BSF में असिस्टेंट कमांडर। नबील के घर की भी आर्थिक हालत ठीक नहीं थी ऐसे में वो भी उन युवायों द्वारा हाथ में पत्थर उठाके सेना को परेशान कर सकता था लेकिन नबील ने पत्थर की जगह कलम उठाया और कड़ी मेहनत के बाद आज असिस्टेंट कमांडर बन गया। ये होता है जब कोई देश के लिए सोचता है, अपने देशवासियों के बारे में सोचता है। आज पूरा देश उनकी कामयाबी के चर्चा कर रहा है इनका बीएसएफ में आने का सपना पूरा हो गया और देश को मिल गया कश्मीर घाटी से एक असिस्टेन्ट कमांडर।
ये एक बहुत बड़ी बात है किसी भी युवा के लिए की जहाँ उसके उम्र के लोग हिंसा की राह पर अग्रसर है तो उन्ही के बीच से एक देश का गौरव बन गया। हम सबको नबील वानी की तरह सोचना है , सिर्फ बोल कर देश की सेवा नहीं होती उसके लिए पूरी तरह से समर्पित होना जरुरी है।
ये एक बहुत बड़ी बात है किसी भी युवा के लिए की जहाँ उसके उम्र के लोग हिंसा की राह पर अग्रसर है तो उन्ही के बीच से एक देश का गौरव बन गया। हम सबको नबील वानी की तरह सोचना है , सिर्फ बोल कर देश की सेवा नहीं होती उसके लिए पूरी तरह से समर्पित होना जरुरी है।
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