मोदी सरकार को दो साल हो चुके है, इन दो सालों में बहुत कुछ नया देखने को मिला लेकिन जो चीज नहीं बदली वो है आतंकवाद। उड़ी में जिस तरह पाकिस्तान से आये आतंकवादियों ने बिना कारण भारतीय सेना पर हमला किया ये बिलकुल भी बर्दाश किये जाने लायक नाही है। आज पूरे 130 करोड भारतीय, सरकार से बस यही चाहती है कि पाकिस्तान को इस कांड का जवाब उनके तरीके से ही दिया जाये।
उडी में हुए आतंकवादी हमले से पूरा हिंदुस्तान दहल उठा है, हर तरफ पाकिस्तान मुर्दाबाद की आवाज सुनाई दे रही है, जुलूस निकाल जा रहे है पुरे देश में आक्रोश देखा जा सकता है लेकिन क्या फायदा उस आक्रोश का जब हमारी सरकार ही कुछ नहीं कर पा रही है। करोड़ो हिंदुस्तानियों की आँखों में इस वक़्त गुस्सा और आतंकवाद के लिए आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीँ अभी तक सरकार सिर्फ रिपोर्ट तक ही सीमित है। अभी तक सिर्फ उच्च स्तर की मीटिंग और रिपोर्ट मांगी जा रही है, अरे इतने समय में तो अमेरिका अपने दुश्मनों को घर पे घुसकर मार गिरता। 48 घंटे से ज्यादा समय हो चूका है अभी तक सरकार से ये फैसला नहीं लिया गया कि आतंकवाद को कैसे खत्म किया जाये, कैसी इनसे निपटा जाये? बहुत बर्दाश कर लिया हमने, कब तक हमारे जवान यूँ ही देश के लिए शहीद होते रहेंगे?उनके परिवारों के बारे में तो सोचो, उस 10 साल के बच्चे के बारे में सोचो जिसका पिता अब कभी उसके सामने नहीं आ सकता, उस माँ के दिल से सोचो की इस वक़्त उसपे क्या बीत रही होगी , जिसका जिगर का टुकड़ा आज कफ़न पर लिपटा हुआ है। ये सोचकर भी रोना आ जाता है तो उसके लिए ये वक़्त कितना भयानक होगा जिनका बेटा, पिता भाई आज आतंकवादियों के गोलियों का निशाना बने है। हर बार, हर बार सिर्फ हमारे साथ ही क्यों? आखिर क्यों और कैसे कुछ आतंकवादी हमारी सरहद तक पहुँच जाते है और इस तरह की घटना को अंजाम दे देते है। आज में भी सरकार से ये बात बोलना चाहता हूं कि हमे काला धन वापस नहीं चाहिए, हमे डिजिटल इंडिया नहीं चाहिए न ही कांग्रेस या भाजपा की सरकार चाहिए हमे बस इस बार पाकिस्तान से बदला चाहिए। ऐसा बदला की आज के बाद पाकिस्तान की तरह की हरकत के बारे में कभी सोचे भी तो उसकी रूह कांप जाये।
बहुत गुस्सा आता है ये सोचकर की हमारा देश किस भावना से सोचता है, आखिर क्यों हम आतंकवादियों को और उन्हें पैदा करने वालो को मुँह तोड़ जवाब नहीं दे पाते? आज हमारे 20 सैनिक शहीद हुए है , सिर्फ उन्हें सलामी देने से ये आज नहीं बुझेगी। शुरू पाकिस्तान ने किया है तो खत्म अब हिंदुस्तान को करना होगा, उच्च स्तरीय बैठकों से आज तक कुछ नहीं हुआ।
बहुत गुस्सा आता है ये सोचकर की हमारा देश किस भावना से सोचता है, आखिर क्यों हम आतंकवादियों को और उन्हें पैदा करने वालो को मुँह तोड़ जवाब नहीं दे पाते? आज हमारे 20 सैनिक शहीद हुए है , सिर्फ उन्हें सलामी देने से ये आज नहीं बुझेगी। शुरू पाकिस्तान ने किया है तो खत्म अब हिंदुस्तान को करना होगा, उच्च स्तरीय बैठकों से आज तक कुछ नहीं हुआ।
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