Thursday, 25 August 2016

हमारी स्वास्थ्य सेवा की बदहाली..

भारत हमारा देश जो बड़ी रफ़्तार से प्रगति की तरफ बड़ रहा है,  आजादी के 70 साल पूरे हो गए है ऐसे में आज पूरा विश्व हमारी ताकत देख चुका है लेकिन अंदर की बात कौन जनता है? अंदर की बात यानी की हमारी सरकार का सिस्टम। सरकार एक देश को चलाती है लेकिन अगर वही सरकार सुस्त सिस्टम के भेंट चढ़ जाये तो देश का क्या हाल होगा ये आप अनुमान लगा सकते है। हर कोई चाहता है की उनके समाज और शहर को एक बेहतर स्वास्थ्य सेवा मिले, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है?
        एक तरफ मोदी जी भारत को सबसे बेहतर और प्रभावी देश बनाना चाहते है, तो वहीँ हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा की लगातार अनदेखी होती जा रही है । हालात इतने बुरे है की हमारे देश में 1650 लोगों के लिए सिर्फ एक डॉक्टर मौजूद है। गॉंव की बात तो छोड़िये, अभी तक शेहरो में भी बेहतर स्वास्थ्य सेवा मानो दूर के ढोल है। आपको जानकर बड़ी हैरानी होगी कि इस समय भारत में 7800 डॉक्टरों की कमी है और हर साल 27% लोग बदहाल स्वास्थ्य सेवा के चलते अपनी जिंदगी को खो देते है। ये आंकड़े इस बात को साफ़ बताते है की हमारे देश की स्वास्थ्य सेवा किस कदर बदहाल है। इसपे हर कोई बात करता है, हर कोई अपनी राय देता है लेकिन इस बदहाली को कोई ठीक नहीं करता। जब पूरा देश 25 अगस्त को कृष्ण जन्मआष्ट्मी के पर्व को हर्षोल्ला के साथ मना रहा था, उस समय ओड़िसा के कालाहांडी में एक आदमी अपनी मरी हुयी पत्नी के शव को 8 किमी पैदल, कंधो के सहारे घर लेकर जा रहा था। बताया जा रहा है की उसकी पत्नी सरकरी अस्पताल में टीबी के कारण दम तोड़ चुकी थी, उसके शव को घर पर लेजाने तक के लिए अस्पताल प्रशाशन द्वारा एम्बुलेंस तक मुहैय्या नहीं करायी गयी, तो मज़बूरी में उस बेबस पति को अपनी पत्नी के शव को खुद, कंधो के सहारे लेकर जाना पड़ा। जब अधिकारीयों के कान तक ये बात पहुँची तक उनके लिए एम्बुलेंस को भेजा गया। ये है हमारी स्वास्थ्य सेवा की तस्वीर। सरकार ने 100 नंबर को इमरजेंसी नंबर घोषित किया हुआ है, गेरेंटी है सरकार की कि 15 से 20 मिनिट के अंदर एम्बुलेंस की सुविधा शेहरो को और 30 मिनट के अंदर दूर कज्बों को मिलनी चाहिए, लेकिन इस गेरेंटी को हमेसा सबने फ़ैल होता ही देखा है।
       गरीब इंसान अपने परिवार का इलाज कहाँ कराये? प्राइवेट अस्पताल की फीस लाखों पे है और सरकारी अस्पताल की हालत पे खुद रोना आ जाता है। न डॉक्टर, न बेड, न कोई सुविधा, यहाँ तक की दवाइयाँ भी नहीं है। आखिर क्यों स्वास्थ्य सेवा को इतना अनदेखा किया जाता है, सरकार को चाहिए की स्वास्थ्य सेवा की इस दुर्दशा को जल्द से जल्द दुरुस्त करे, जल्द ही हर अस्पताल में डॉक्टर्स की तैनाती करे और हर घर तक एम्बुलेंस की सेवा को बढ़ाया जाये। क्योंकि सुस्त सिस्टम की मार और ऊपर से स्वास्थ्य सेवा की ये बदहाली मानो हमारे लिए किसी कोहराम से कम नहीं।

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