किसी भी देश को चलाने के लिए वहाँ के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के ऊपर बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है। इनकी सूझ-भूज और निर्णय के कारण ही कोई देश आगे को अग्रसर होता है। देश का पहला चेहरा ही ये दोनों कहलाते है। देश का प्रधानमंत्री अपने देश के लिए बहुत सारे काम करते है, उनकी पूरी कोशिश रहती है है की विश्व के नक़्शे में उनका देश आगे रहे और हमेसा बढ़ते रहे।
बहुत बार में ये सोचता हूँ की अगर में प्रधानमंत्री होता ट सबसे पहले ये करता । बोलने में बेहद आसान लगता है लेकिन इसके लिए बहुत समय और संकल्प चाहिए। अक्सर में भी यही सोचता हु को अगर में प्रधानमंत्री होता तो सबसे पहले गरीबों और आम जनता के लिए काम करता, छोटी छोटी चीजों से शुरुवात करता। फिर धीरे धीरे उन्हें आगे लेकर चलता। मेरे हिसाब से एक प्रधानमंत्री को सबसे पहले देश की गरीबी, बेरोजगारी, और बिमारियों के लिए सोचना चाहिए।
बुलेट ट्रेन, स्पेस राकेट और अंतर्राष्ट्रीय संबंध से आम नागरिक को क्या फायदा? जब तक अंदर की तस्वीर नहीं बदलेगी। पिछले 2-3 सालों से भारत में बुलेट ट्रेन लाने के लिए हजारों करोड़ों रुपए सरकार लगा चुकी है, इतने देशों के दौरे क्र चुकी है हमारी सरकार लेकिम क्या सच में उस बुलेट ट्रेन का फायदा होगा? फायदा तो छोड़ो अभी तो ये भी नहीं पता की वो यहाँ चल भी पायेगी या नहीं क्योंकि यहाँ तो ट्रैकों का ही बुरा हाल है। दूसरा ध्यान इस वक़्त सरकार का काला धन की तरफ है। देश का एक नागरिक भारत छोड़के विदेश में भाग गया उसे तो सरकार अभी तक वपुस लेकर नहीं आ सकी तो काला धन पे कितना समय लगेगा ये हर कोई सोच सकता है। ममेरे हिसाब से ये सब काम के लिए वक़्त है। अगर में प्रधान होता तो सबसे पहले भारत में हजारों स्कूल, हॉस्पिटल्स और NGOs खोलता। कोशिश करता की सबसे पहले एक शहर की रोड, बिजली पानी की समस्याओं को ठीक करूँ उसके बाद में विदेश यात्रा, या बुलेट ट्रेन के बारे में सोचता।
लेकिन में किसिको उनके काम के लिए नहीं टोक रहा, इंसान जितना बड़ा होता है उनका ही उनके सर पे जिम्मेदारियां होती है। लेकिन मेरा तो साफ़ तौर पे ये मानना है की प्रधानमंत्री को सबसे पहले एक शहर से शुरुवात करनी चाहिए, क्योंकि शहर शहर जोड़कर एक राज्य बनता है पहर एक देश का निर्माण होता है। अगर में प्रधानमंत्री होता तो सबसे पहले इन्ही चीजों पे काम करता और कोशिश करता की मेरा काम हर एक व्यक्ति के लिए अच्छा हो।
बुलेट ट्रेन, स्पेस राकेट और अंतर्राष्ट्रीय संबंध से आम नागरिक को क्या फायदा? जब तक अंदर की तस्वीर नहीं बदलेगी। पिछले 2-3 सालों से भारत में बुलेट ट्रेन लाने के लिए हजारों करोड़ों रुपए सरकार लगा चुकी है, इतने देशों के दौरे क्र चुकी है हमारी सरकार लेकिम क्या सच में उस बुलेट ट्रेन का फायदा होगा? फायदा तो छोड़ो अभी तो ये भी नहीं पता की वो यहाँ चल भी पायेगी या नहीं क्योंकि यहाँ तो ट्रैकों का ही बुरा हाल है। दूसरा ध्यान इस वक़्त सरकार का काला धन की तरफ है। देश का एक नागरिक भारत छोड़के विदेश में भाग गया उसे तो सरकार अभी तक वपुस लेकर नहीं आ सकी तो काला धन पे कितना समय लगेगा ये हर कोई सोच सकता है। ममेरे हिसाब से ये सब काम के लिए वक़्त है। अगर में प्रधान होता तो सबसे पहले भारत में हजारों स्कूल, हॉस्पिटल्स और NGOs खोलता। कोशिश करता की सबसे पहले एक शहर की रोड, बिजली पानी की समस्याओं को ठीक करूँ उसके बाद में विदेश यात्रा, या बुलेट ट्रेन के बारे में सोचता।
लेकिन में किसिको उनके काम के लिए नहीं टोक रहा, इंसान जितना बड़ा होता है उनका ही उनके सर पे जिम्मेदारियां होती है। लेकिन मेरा तो साफ़ तौर पे ये मानना है की प्रधानमंत्री को सबसे पहले एक शहर से शुरुवात करनी चाहिए, क्योंकि शहर शहर जोड़कर एक राज्य बनता है पहर एक देश का निर्माण होता है। अगर में प्रधानमंत्री होता तो सबसे पहले इन्ही चीजों पे काम करता और कोशिश करता की मेरा काम हर एक व्यक्ति के लिए अच्छा हो।
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