
लेकिन क्या हम सच में आजाद है?क्या हमारे देश में रेह रहे करोड़ों लोगों की सोच आजाद हुयी है? तो इसका जवाब जवाब होगा नहीं। क्योंकि आज भी हमारे समाज में रेह रहे लोगों की सोच और सोचने की समता बहुत पीछे है।
भारत आगे तो लगातार बड़ रहा है मगर अंदर के हालात पहले जैसे ही है। आज भी हमारे देश के कई हिस्सों में लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता, देश में गरीबी, आरक्षण,ये सब हमारे देश की वो सचाई है जो न तब बदली थी ना आज बदली है। लेकिन हम आज़ाद है।
लड़कियो को सूरज ढलते ही घर प रहने के लिए बोला जाता है, उन्हें सामाज में अपने घरवालो और अपनी इज्जत देखनी पड़ती है चाहे इसके लिए उन्हें अपने सपने और अपनी इच्छाओं को ही क्यों ना मारना पड़े, मगर हम आजाद है।
यहाँ दिमाग से तेज होना इतना जरुरी नहीं जितना की किसी मंत्री या अधिकारी का रिश्तेदार कहलाना। यहाँ 90 प्रतिशत मायने नहीं रखते, जरूरी है तो बस आरक्षण। रोजाना हमारे देश में 20-25 बलात्कार और छेड़ छाड़ के मामले सामने आते है, हर साल कम से कम 5000 बलात्कार की घटनाएं हमारे देश में होती है। तो हम आजाद होते हुए भी क्यों आजाद नहीं है? हमारे देश को हजारों करोड़ों सैनिक सुरक्षा देते है, 15000 फ़ीट की ऊँचाई तक। लेकिन हमारे देश के अंदर ही करोड़ों आतंकवादी बेठे है जो हमारे देश को हमेसा शर्मिंदा करते है। अगर हर एक नागरिक ये सोच ले की वो कोई गलत काम नहीं करेंगे, समाज के बढ़ोत्तरी में हिस्सा लेंगे तो हमारा देश जिस गति से आगे बढेगा ये हम सोच भी नहीं सकते।
आज आजादी के 70वें साल में चलो एक कसम लेते है कि अब से भारत की धरती पे कोई गलत काम नहीं होने देंगे। भुत बर्दाश कर लिया, बहुत सेह लिया अब ना गलत करेंगे न ही किसिको करने देंगे। ये देश हमारा घर है इसे सुंदर और साफ़ बनांए।
भारत आगे तो लगातार बड़ रहा है मगर अंदर के हालात पहले जैसे ही है। आज भी हमारे देश के कई हिस्सों में लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता, देश में गरीबी, आरक्षण,ये सब हमारे देश की वो सचाई है जो न तब बदली थी ना आज बदली है। लेकिन हम आज़ाद है।
लड़कियो को सूरज ढलते ही घर प रहने के लिए बोला जाता है, उन्हें सामाज में अपने घरवालो और अपनी इज्जत देखनी पड़ती है चाहे इसके लिए उन्हें अपने सपने और अपनी इच्छाओं को ही क्यों ना मारना पड़े, मगर हम आजाद है।
यहाँ दिमाग से तेज होना इतना जरुरी नहीं जितना की किसी मंत्री या अधिकारी का रिश्तेदार कहलाना। यहाँ 90 प्रतिशत मायने नहीं रखते, जरूरी है तो बस आरक्षण। रोजाना हमारे देश में 20-25 बलात्कार और छेड़ छाड़ के मामले सामने आते है, हर साल कम से कम 5000 बलात्कार की घटनाएं हमारे देश में होती है। तो हम आजाद होते हुए भी क्यों आजाद नहीं है? हमारे देश को हजारों करोड़ों सैनिक सुरक्षा देते है, 15000 फ़ीट की ऊँचाई तक। लेकिन हमारे देश के अंदर ही करोड़ों आतंकवादी बेठे है जो हमारे देश को हमेसा शर्मिंदा करते है। अगर हर एक नागरिक ये सोच ले की वो कोई गलत काम नहीं करेंगे, समाज के बढ़ोत्तरी में हिस्सा लेंगे तो हमारा देश जिस गति से आगे बढेगा ये हम सोच भी नहीं सकते।
आज आजादी के 70वें साल में चलो एक कसम लेते है कि अब से भारत की धरती पे कोई गलत काम नहीं होने देंगे। भुत बर्दाश कर लिया, बहुत सेह लिया अब ना गलत करेंगे न ही किसिको करने देंगे। ये देश हमारा घर है इसे सुंदर और साफ़ बनांए।
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