Saturday, 20 August 2016

सियाचिन की सच्चाई..

हम लोग अपने अपने घरों में बैठकर आराम से खाना खाते है, टीवी देखते है अपना जीवन बड़े आराम से बिता रहे है। ये सब सिर्फ उन सैनिकों की बदौलत जो हर पल सीमा पर बन्दूक ताने खड़े रहते है, हर समय उनकी आँखें दुश्मनो की हर गतिविधियों पे रहती है। उन तमाम सैनिकों की वजय से ही हम देश के अंदर सुरक्षित

अपने अपने घरों में आराम से रेह रहे है। लेकिन क्या आपको मालूम है की हमारे सैनिक किन परिस्थितियों में रहते है। समुद्र के 3 किमी निचे से सियाचिन के 20000 फ़ीट की ऊँचाई तक हर जगह से हमारे देश को दुश्मनो से बचाते है हमारे सैनिक। 
         वैसे तो पूरे भारत में सैनिकों की जिंदगी बेहद खतरनाक और संवेदनशील होती है लेकिन आज बात करते है दुनिया के सबसे ऊँचे युद्धभूमि में जिसका नाम है"सियाचिन बॉर्डर"
कश्मीर से सटे इस इलाके तो दुनिया का सबसे ऊँचा युद्धस्तल माना जाता है । सियाचिन से चीन और पाकिस्तान के बॉर्डर जुड़े है ऐसे में यहाँ हर समय दुश्मनो का खतरा बना रहता है। सियाचिन में रेह रहे भारतीय सैनिकों की जिंदगी बेहद खतरनाक रहती है, दुर्गम रस्ते और परिस्थितियां यहाँ तैनात सैनिकों के लिए मुश्किल बनते रहते है। पल पल बदलता मौसम, खून जमा देने वाली ठंड और बर्फीला तूफ़ान ये सब यहाँ आम बात है। बताया जाता है की यहाँ साल भर बर्फ पड़ती रहती है है, लेकिन सितम्बर से अप्रैल तक यहाँ तापमान माइनस 55 डिग्री तक पहुँच जाता है। माइनस 55 डिग्री मतलब आम इंसान का जिन्दा रहना लगभग ना के बराबर। इतनी कड़ाके की ठंड में यहाँ हमारे सैनिक देश की रक्षा में हमेसा खड़ा रहते है। जानकर हैरानी जरूर होगी कि भारत सरकार यहाँ तैनात फौजियों पे प्रतिदिन 1 करोड रुपए खर्च करती है। क्योंकि सियाचिन तक पहुँचना हर किसीकि बात नहीं है, इतनी ऊँचाई पे न ही खाने का कुछ सामान टिकता है ना ही ऑक्सीजन मिल पाती है। कहते है की पूरे भारत में एक रोटी की कीमत 4-5 रुपए है लेकिन जब वही रोटी सियाचिन में सेनिकों के लिए पहुचती है तो उस रोटी की कीमत 300 रुपए हो जाती है। सियाचिन को सबसे ठंडी जगह माना जाता है, यहाँ रोज़ाना बर्फीले तूफ़ान अपना तांडव दिखती है। यहाँ पे रेह रहे सेनिकों तक खाना पहुँचना भी भारत सरकार के लिए किसी चुनोती से कम नहीं होता, क्योंकि इतने अधिक तापमान में खाना खराब हो जाता है और इतनी ऊँचाई तक वायुसेना के विमान को पहुँचने में बड़ी मस्सकत करनी पड़ती है। सियाचिन पे सैनिकों के कपड़ों की कीमत एक लाख की होती है ये बेहद खास तरह के कपड़े होते है जो की इतनी ठंड को झेल सके, साथ ही इतने लिए खाने में सिर्फ ब्रेड, अंडे और रोटी ही दिए जाते है क्योंकि हर तरह का खाना इतनी ठंड नहीं झेल सकता। सियाचिन के सेनिक बताते है कि यहाँ इतनी ठंड होती है की हमे ये पता ही नहीं चलता की हमारे पास जीब भी है, क्योंकि जीब इतनी ठंड से सुन्न पड़ जाती है और उसपे किसी चीज का स्वाद नहीं पता चलता। न ही मीठे का न ही मिर्च का।
       इन बातों से आप अंदाजा लगा सकते है की सियाचिन पे तैनात हमारे सैनिक किन परिस्तिथियों में रहते है। उनका हर एक दिन उनके लिए कड़ी चुनोती भरा होता है।

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