
हमारे देश में एक कहावत सबने सुनि हुयी है " पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे बनोगे खराब" शायद इस कहावत को हमारा समाज और हमारा सिस्टम दिल से ले लिया है। तभी भारतइ स्पोर्ट्स को कैरियर के तौर पे नहीं देखा जाता। और पूरे 130 करोड़ भारतीय उम्मीद करते है की ओलंपिक जैसे मैदान में भारत को झोली में गोल्ड, रजत या कांस्य पदक आएगा। आखिर इतनी उम्मीद क्यों? जबकि यहाँ खिलाड़ियों की क्या दुर्दशा है इस बात को हर कोई जनता है। आपको जानकर हैरानी होगी की भारत में हर दिन एक एथलीट पे सिर्फ तीन पैसे खर्च करती है हमारी भारत सरकार। वहीँ अमेरिका और चीन जैसे देशों में प्रतिदिन खिलाड़ियों पे 22 से 25 रुपए खर्च किये जाते है। इन आकड़ों से आप अंदाजा लगा सकते है की भारत सरकार खिलाडियों पे कितना ध्यान देती है? अमेरिका,चीन जापान जैसे देशों में हर बार खिलाडी लगभग 100 पदक लेकर जाते है या इससे भी ज्यादा, तो वहीँ भारत में मुश्किल से 2-3 पदक ही आते है। सरकार की मायूसी और सुस्त सिस्टम के चलते यहाँ खिलाड़ीयों का मनोबल के साथ साथ उनका प्रदर्शन भी लगातार गिर रहा है। चीन में एथलीट को 4-5 साल की उम्र से ही स्पोर्ट्स के गुण सिखाये जाते है, तो वहीँ भारत में पहले पढ़ाई फिर खेलों की तरफ देखा जाता है।
आज पूरा भारत रियो ओलंपिक में भारत के एथलीटोसों पदक की उम्मीद लगाये बेठा है लेकिन सच्चाई तो सभी तो मालूम है को आखिर तक कितने पदक हमारे पास आएंगे। हमारी सरकार तो बिलकुल ही नाराज है, अगर कोई खिलाड़ी मैडल लेकर आये तो उसे लगभग 5-6 करोड़ रुपए इनाम में दिए जाते है। अगर सरकार हर खिलाडी में सिर्फ लाख रुपए भी ट्रेनिंग में खर्च करे तो हमारे एथलीट ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे क्योंकि इससे उन्हें बेहतर ट्रेनिंग के साथ साथ आधुनिक सुविधाएं भी मिल सकेंगी। आज भारत मैडल के लिए तड़प रहा है क्योंकि तैयारियों में सरकार की तरफ से कमी साफ़ देखी जा रही है। अगर भारत सरकार सही तरीके से स्पोर्ट्स को बढ़ावा दे तो निस्चित तौर से भारत को स्वर्ण,रजत और कांस्य पदक का इतना इन्तजार नहीं करना पड़ेगा।
आज पूरा भारत रियो ओलंपिक में भारत के एथलीटोसों पदक की उम्मीद लगाये बेठा है लेकिन सच्चाई तो सभी तो मालूम है को आखिर तक कितने पदक हमारे पास आएंगे। हमारी सरकार तो बिलकुल ही नाराज है, अगर कोई खिलाड़ी मैडल लेकर आये तो उसे लगभग 5-6 करोड़ रुपए इनाम में दिए जाते है। अगर सरकार हर खिलाडी में सिर्फ लाख रुपए भी ट्रेनिंग में खर्च करे तो हमारे एथलीट ओलंपिक में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे क्योंकि इससे उन्हें बेहतर ट्रेनिंग के साथ साथ आधुनिक सुविधाएं भी मिल सकेंगी। आज भारत मैडल के लिए तड़प रहा है क्योंकि तैयारियों में सरकार की तरफ से कमी साफ़ देखी जा रही है। अगर भारत सरकार सही तरीके से स्पोर्ट्स को बढ़ावा दे तो निस्चित तौर से भारत को स्वर्ण,रजत और कांस्य पदक का इतना इन्तजार नहीं करना पड़ेगा।
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