Tuesday, 16 August 2016

अतिथि देवो भवः

हमे हमेसा से ही अपने मेहमानों का आदर करना सिखाया जाता है, चाहे मेहमान उम्र में बड़े हो या छोटे वो भगवान का रूप होता है इसलिए उनका आदर और सम्मान करना हम सभी का कर्तव्य है। बचपन से ही हमारे घरों में जब भी कोई मेहमान आता है, तब उन्हें नमस्कार करना और उनका सम्मान करना ये सब संस्कार हमे सिखाये जाते है। क्योंकि बड़े लोग केह गए है कि अतिथि देवो भवः इसका मतलब की मेहमान भगवन होते है। जिस तरह हम अपने भगवान को पूजते है उनकी दिल से इज्जत और सम्मान करते है उसी तरह हमारे देश में मेहमान को भी भगवन का दर्जा दिया जाता है। जैसे हमारे घर पे मेहमान आते है वैसे ही हमारा भारत भी हमारा घर है और यहाँ रोजाना लाखों की संख्या में मेहमान,पर्यटक के रूप में आते है। वो हमारा देश घूमते है, यहाँ के लोगों को और उनकी संस्कृतियों को करीब से देखते है। जब भी कोई पर्यटक हमारे देश में आता है तो उनके मन में भारत की तस्वीर बनी होती है। लेकिन अफ़सोस की बात ये है कि कुछ गंदे लोगों के कारण जो तस्वीर पर्यटकों के मन में भारत को लेकर रहती है वो झूठी साबित हो जाती है। कुछ लोग भारत घूमने आये पर्यटकों के साथ बत्तमीजी और छेड़ छाड़ जैसे काम करते है और बहुत बार को उन्हें लूट भी लिया जाता है। ऐसे में उन पर्यटकों को बहुत मुसीबतों का सामना करना पड़ता है और भारत की अच्छी तस्वीर खराब हो जाती है। पूरे विश्व में भारत का बोलबाला है, करोड़ों पर्यटक हर साल भारत का दीदार करने आते है, हम उनके साथ जैसा बर्ताव करते है वो उन्हें हमेसा याद रहता है। अगर हम उनका सादर सम्मान करेंगे तो वो अपने देश जाकर भारत के लिए अच्छा बोलेंगे और हर बार यहाँ आएंगे। 
          बड़े शर्म की बात है की एक तरह हमे मेहमानो की इज्जत करने को सिखाया जाता है तो वहीँ कुछ मनचलों की वजय से पर्यटकों के साथ बलात्कार और छेड़ छाड़ जैसी वारदात सामने आती है। बहुत बार पर्यटकों को झूठा फसाया भी जाता है और उन्हें लूटा जाता है। तब शायद हम भूल जाते है की अतिथि देवो भवः। पता है पर्यटकों को हमारे देः में घूमने के लिए आना हमारे लिए कितना फायदेमंद है। उनके आने से हमारे देश में लाखों-करोड़ों लोगों को रोजगार मिलता है, उनके आने से करोड़ों लोगों की दुकान चलती है। भारत सरकार भी इन बातों को जानती है इसलिए विदेसी मेहमानो के लिए अलग से मंत्रालय बनाये गए है। हमारा देश बेहद ख़ूबसूरत है, यहाँ के लोग, शहर, संस्कृति , हवा,पहाड़ सब कुछ हमेसा से ही देश दुनिया के करोड़ों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है।
        कहते है हमे दूसरों के साथ वैसा ही वयवहार करना चाहिए जैसा की हम अपने साथ चाहते है। अगर हम अपने देश में आने वाले पर्यटकों के साथ अच्छा वयवहार करेंगे तो वो खुश हो कर वापस जायेंगे,फिर से आने के वादे के साथ। हम अपने घर पे आये हुए मेहमानो की इज्जत करते है तो क्यों विदेशो से आये हुए मेहमानों के साथ गलत करना? वो हमारे देश के मेहमान है उनकी इज्जत करना हर भारतीय का धर्म होना चाहिए।

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