
19 सितम्बर को हुए उड़ी हमले के बाद से अभी तक हर भारतीय बस यही तो चाहता था कि पाकिस्तान को सबक मिल जाये और उड़ी हमले के 10 दिन बाद आखिरकार सर्जीकल स्ट्राइक करके भारत ने पाकिस्तान की धज्जियाँ उड़ा दी। ना आतंकवादियों के ट्रेंनिंग कैम्प बचे न ही POK में मौजूद 38 आतंकवादी सबकुछ तबाह करके भारतीय सेना ने ये साबित कर दिया की पाकिस्तान हमे ये सब करने को मजबूर न करे वरना अंजाम यही होगा। सबसे पहले आपको ये बताते है की आखिर सर्जीकल स्ट्राइक होती क्या है? सर्जीकल स्ट्राइक ठीक उसी तरह होता है जैसे एक डॉक्टर किसी मरीज के खास हिस्से में ऑपरेशन करते है, पहले से ही पूरी तैयारी के साथ और हर बात का अच्छे से पता करके इस ऑपरेशन को अंजाम दिया जाता है। इस तरह के ऑपरेशन में पैरामिलिट्री कमांडो को खास तरह की ट्रेंनिंग दी जाती है, इस तरह की खास ट्रेंनिंग सिर्फ कमांडों को ही दिया जाता है। इसमें ट्रेंनिंग में कमांडो को हर वो चीज के वाकिफ़ कराया जाता है जिससे वो दुश्मनो के छक्के छुड़ा सके।सर्जीकल स्ट्राइक को अंजाम देने वाला भारत तीसरा देश बन चूका है है, इससे पहले अमेरिका और इजराइल इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम दे चुके है। मेरा मानना है कि भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए जो रास्ता अपनाया है वो बिलकुल सही है, ये काम को भारत को बहुत समय पहले ही कर देना चाहिए था तो आज आतंकवाद इस तरह नहीं बढ़ता।
1947 से आज तक पाकिस्तान कभी भी अपने कारनामों पर रोक नहीं लगा पाया है वो सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उडी हमले का बदला तो भारत ने ले लिया और शायद अब पाकिस्तान आतंकवादीयों को बढ़ावा देने के लिए हज़ार बार सोचेगा। और अगर फिर भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज़ नहीं आया तो हर बार सर्जीकल स्ट्राइक को झेलने के लिए तैयार रहे।
1947 से आज तक पाकिस्तान कभी भी अपने कारनामों पर रोक नहीं लगा पाया है वो सिर्फ आतंकवाद को बढ़ावा देता है। उडी हमले का बदला तो भारत ने ले लिया और शायद अब पाकिस्तान आतंकवादीयों को बढ़ावा देने के लिए हज़ार बार सोचेगा। और अगर फिर भी पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतों से बाज़ नहीं आया तो हर बार सर्जीकल स्ट्राइक को झेलने के लिए तैयार रहे।