Thursday, 27 October 2016

डर के साये में जिंदगी..

जरा सोचिए आप अपनी फैमिली के साथ आराम से घर पे सोये हुए है, तभी अचानक बम का एक गोला आपके छत पे गिरे और धड़ाम से फूट जाये तो उस वक़्त आप क्या करेंगे?क्या सोचेंगे?किस तरह परिवार को बचाएंगे? सोचने में ही डर लग रहा है तो जरा सोचिए कि उन लोगों की जिंदगी कैसी चल रही होगी जो रोजाना बॉर्डर पे इस तरह के डर में जी रहे है. हम सब अपने अपने घरों में आराम से खा-पी रहे है तो वहीँ दूसरी तरफ बॉर्डर पे रह रहे हजारों लोगों की जिंदगी पे लगातार मौत का खतरा बना हुआ है और वो खतरा है आतंकवाद.
 सर्जीकल स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है जिसकी वजय से वो लगातार भारतीय सेना और बॉर्डर से सटे गाऊं को अपना निशाना बना रहा है. पाकिस्तान की हरकतों की वजय से घाटी में तनाव तो बना ही हुआ है उसके साथ साथ बॉर्डर में रह रहे लोगों को डर के साये में जीना पड़ रहा है. हिंदुस्तान की तरफ से हुयी सर्जीकल स्ट्राइक को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा है यही कारण है कि सर्जीकल स्ट्राइक के बाद से अभी तक 40 बार पाकिस्तान सैनिकों द्वारा सीज़फायर का उलंघन किया गया है. अब पाकिस्तान ने आतंकवाद फैलाने के लिए बॉर्डर पे रह रहे लोगों और स्कूली बच्चों को निशाना बना रहे है, पाकिस्तान की तरफ से अभी तक बम धमाकों में 3 महीनों में बॉर्डर के 19 स्कूल तबाह हो चुके है जिसके चलते हजारों बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है और अब वो बच्चे घर पर ही पढ़ने को मजबूर है. घाटी में जिस तरह तनाव चल रहा है उससे हर कोई परेशान है खासकर स्कूली बच्चे क्योंकि पाकिस्तान अब स्कूल के आसपास धमाके कर रहा है ताकि बच्चे डर जाये और स्कूल न जा सके. घाटी में आलम ये है कि आतंकवादी पुलिस वालों के हथियार छीन कर भाग रहे है मगर पुलिस बल कुछ नहीं कर पा रही है, आतंकवादियों को किसी का ख़ौफ़ नहीं है. एक तरह पूरा देश त्यौहारों में व्यस्त है तो वहीँ बॉर्डर पे बेस गाऊं में अभी भी सन्नाटा पसरा हुआ है, वहां पटाखों के बदले गोला-बारूद के फटने की आवाज़ें सुनाई दे रही है. रोजाना कई बार बॉर्डर पे पाकिस्तान द्वारा गोलियां बरसाई जाती है जिसमे बहुत से बेकसूर लोग घायल हो रहे है अब हमारी सरकार को भी उन तमाम लोगों के लिए कुछ ठोस कदम उठाने चाहिए वरना वहां लोग यूँ ही मरते रहेंगे और बाकि लोग पलायन का रास्ता अपनाएंगे .

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