Wednesday, 19 October 2016

इस दिवाली "नो चीनी"

हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बीच वैसे ही तनाव चलता आया है,ऊपर से चीन का पाकिस्तान को समर्थन देना हिंदुस्तान की जनता को इस कदर चुबा की अब बात चाइनीज़ समान के बहिष्कार तक पहुँच चुकी है. इन दिनों भारत में त्योहारों का सीजन है ऐसे में चीन का बहुत सारा समान भारतीय बाज़ारों की रौनक बड़ाता आया है लेकिन इस बार देश में हर तरफ चीन के समान का बहिस्कार दिखाई दे रहा है और हो भी क्यों न क्योंकि आतंकवाद की फैक्ट्री माने जाने वाली पाकिस्तान को चीन का साथ मिल रहा है ऐसे में 125 करोड भारतियों का गुस्सा निकलना लाज़मी है.

भारत और चीन काफी समय से व्यापार करते आये है, इन दोनों देशों के बीच व्यापारिक दोस्ती काफी अच्छी है जिसका दोनों देशों को बहुत फायदा मिलता आया है। आंकड़ों की तरफ देखे तो हर साल भारत और चीन के बीच 70 अरब डॉलर का व्यापार होता है, बाकी देशों के मुकाबले चीन के साथ व्यापार करने में भारत को 6 गुना ज्यादा फायदा पहुँचता है. ऐसे में अब चीन के बने सामानों का बहिष्कार करना कहीं भारत की आर्थिकी पे बुरा असर न डाल दे. पाकिस्तान का साथ देने पर भारतियों पर काफ़ी आक्रोश देखा जा रहा है यही कारण है कि इस बार दिवाली जैसे त्यौहार पर हर तरफ चीन के समान की बिक्री पर रोक लगाने की मांग उठती जा रही है. दिवाली के समय पर भारतीय बाजारों में चीन की लड़ियाँ, लाइट्स, सजावट के समान और पटाखों का ज्यादा बोलबाला रहता है क्योंकि चीन के इन समानों की क़ीमत थोड़ी सस्ती होती है ऐसे में ये समान यहाँ बहुत चलते है और इनकी काफी मांग रहती है लेकिन इस बार दिवाली में चीन की लड़ियाँ और पटाखों पर प्रतिबंद लगाया गया है अब देखने लायक होगा की भारतीय बाजार पर इस कदम का कितना असर होता है. हमारे देश में चीन का व्यापार बहुत बड़ा है, पिछले 10 सालों में यहाँ चीन की बहुत सी मोबाइल कंपनियां,टेलिकॉम इंडस्ट्रीज़ और मेडिकल कंपनियां अपने पैर जमा चुकी है. 70 अरब डॉलर हर साल।
इसके अलावा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स और रियल इस्टेट में भी चीन भारत पे करोड़ों निवेश करता है. इन दिनों चाइनीज मोबाइल कंपनियों ने हिंदुस्तान पर काफी मुनाफ़ा कमाया है, आज हिंदुस्तान में चीन की 25 मोबाइल कंपनियां है जो की भारतीय बाजार में काफी अच्छा कमा रही है. इके बात तो साफ़ है कि हिंदुस्तान और चीन के बीच में जो व्यापारिक दोस्ती है इसका फायदा दोनों देशों को है, और अगर हिंदुस्तान में लोग चीन की लड़ियाँ, लाइट्स और पटाखों पर रोक भी लगाते है तो इससे चीन के उच्च व्यापार पे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि पटाखों और लाइट्स के अलावा भी भारत में चीन की मेडिकल,टेलिकॉम और इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री का बहुत बड़ा काम है.
       हमारी तरफ से ज्यादा न सही लेकिन एक कदम तो उठाया गया है जिससे शायद चीन को इस बात का ऐहसास हो जाये की पाकिस्तान का समर्थन करना उनके लिए कोई फायदा का सौदा नहीं है. लेकिन सच्चई ये भी है कि इससे भारत को भी कोई ज्यादा फायदा नहीं होगा .

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