Saturday, 15 October 2016

तीन प्रथायों को खत्म करने की आवाज़

आखिरकार मुस्लिम महिलायों ने अपनी आवाज़ को उठाते हुए कुछ प्रथायों को खत्म करने की मांग की है। सरकार पर दवाब तो बनाया जा रहा है लेकिन अंत में फैसला क्या होगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

         बात चाहे तीन तलाक़ की जो या बहुविवाह की अब मुस्लिम महिलाएं चाहती है कि इन सब रीति रिवाजों को खत्म किया जाये क्योंकि ये उनके मान के खिलाफ है। बात करे तीन तलाक़ की तो ये प्रथा मुस्लिम धर्म और समाज में पिछले कई सालों से चलती आ रही है जिसके अंतर्गत मात्र तीन बार मौखिक तरीके से तलाक तलाक तलाक बोल देने से पति-पत्नी का रिश्ता खत्म हो जाता है, जानकार हैरानी होगी की मुस्लिम समुदाय की 93 प्रतिशत महिलाएं इसे प्रथा को खत्म करना चाहती है। बात भी बिलकुल सही है कि सिर्फ मौखिक तौर पे तलाक बोल देने से रिश्ता खत्म करना सही बात नहीं। दूसरा मुद्दा है मुस्लिम आदमी द्वारा बहुविवाह की परंपरा। इसके अंतर्गत मुस्लिम समाज में और कानून के अनुसार मुस्लिम युवक दो से ज्यादा विवाह कर सकता है उसे कानून इसकी इजाज़त देता है। मुस्लिम महिलायों को इससे सख्त नाराजगी है और वे सब इस प्रथा को खत्म करने की मांग कर रहे है। इसके अलावा तीसरा मुद्दा है हलाला,जिसमे अगर एक तालकसुदा महिला अपने पति के साथ फिर रहना चाहती है तो उसे इसके लिए पहले एक अन्य आदमी से निकाह करना पड़ेगा। इस तरह की तमाम प्रथाएं मुस्लिम समुदाय में चलती आ रही है और अब मुस्लिम महिलाएं इसका जबरदस्त विरोध कर रही है। अभी तक मुस्लिम समुदाय में महिलायों की शादी 18 साल से पहले ही करवा दी जाती है जबकि 95 प्रतिशत महिलाएं चाहती है कि उनकी शादी 18 साल के बाद करायी जाये, इसके अलावा मुस्लिम समुदाय में जो कपड़ों को लेकर विवाद रहता है अब उसे भी खत्म करने की मांग की जा रही है। मुस्लिम महिलायों की माने तो उन्हें उनके पसंद के कपड़े पहनने की इजाजत दी जाये जरुरी नहीं की सिर्फ बुर्खे में जिंदगी गुज़ार ली जाये।
          आज मुस्लिम लॉ बोर्ड के सामने बहुत से सवाल खड़े हो चुके है, लाखों मुस्लिम महिलाएं अब जिंदगी के तरीके बदलना चाहती है अभी तक उन्हें हर छेत्र में दबाया जाता रहा है तो अब उनकी आवाज ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है। बात चाहे तीन तलाक की हो या बहुविवाह की अब मुस्लिम महिलाएं इन प्रथायों को खत्म करके की दम लेंगी। 

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