Friday, 9 December 2016

अम्मा जैसा कोई नहीं...

तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता जिन्हें पूरा देश अम्मा के नाम से भी जानता था, आज देश उनके लिए आसूं बहा रहा है उनके निधन से मानो हर कोई सदमे में है, उनकी लोकप्रियता पूरा देश देख रहा है, तमिलनाडु में जयललिता की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें यहां 'अम्मा' या मां का दर्जा मिला हुआ था। एक ऐसा नाम जिसके सामने हर कोई अपना सर झुकता था और झुकाये भी क्यों नहीं क्योंकि जयललिता ने हमेसा गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए अपना हाथ आगे बढ़ाया है, उन्होंने न सिर्फ तमिलनाडु की राजनीती में राज किया बल्कि वहां के हर एक जनता के दिल में भी राज किया और नतीजा ये रहा कि "अम्मा" तमिलनाडु में सिर्फ एक नाम नहीं रहा बल्कि ये एक ब्रांड बन गया। 

           तमिलनाडु की राजनीती में जयललिता का नाम हमेसा याद रखा जायेगा, तीन बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनने का गौरव हासिल किया और हर बार वहां की आम जनता के लिए अपने आप को समर्पित किया। हम सब ने इंद्रा अम्मा भोजनालय का नाम सुना है, ये नाम जयललिता से ही आया है क्योंकि उन्होंने ही गरीब लोगों के लिए एक ऐसे भोजनालय की शुरुवात करी जिसमे मात्र पाँच रुपए में भर पेट खाना मिल सके, इतनी महँगाई में अगर कोई पाँच रुपए में भर पेट खाना खिला दे तो आप उसे जिंदगी भर याद तो रखोगे ही, इसके अलावा उन्होंने अम्मा फार्मेसी की भी शुरुवात की ताकि गरीब लोगों को बेहद सस्ते रुपए में जरुरी दवाईयां मिल सके। उन्होंने हमेसा ही जरूरतमंद लोगों की सहायता की, हमेसा इस बात पे ज्यादा ध्यान दिया की उनके राज्य में हर कोई खुश हाली से जीवन बिता पाये और इसके लिए उन्होंने बहुत से ऐसे कदम भी उठाये जो कोई और सोच भी नहीं सकता. अम्मा नाम तमिलनाडु में इतना ज्यादा लोकप्रिय है कि इस नाम से वहां 80 प्रतिशत मार्केट चलता आया है, अम्मा भोजनालय से लेकर अम्मा लैपटॉप तक हर तरफ़ सिर्फ एक ही नाम,अम्मा। उनके निधन की खबर मिलते है पूरा तमिलनाडु मानो थम सा गया, लाखों लोगों के लिए ये खबर किसी झटके से कम नहीं थी और भी क्यों न क्योंकि जयललिता सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं थी बल्कि वो तो लाखों-करोड़ों लोगों के लिए अम्मा थी। सच में..! उनके जैसा कोई नहीं हो सकता, उनके जाने का सबको दुःख है क्योंकि वो एक ऐसी सख्सियत थी जिसे हर कोई भगवान मानता था।

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