बड़ा अजीब देश है हमारा, एक तरफ यहाँ लोगों से देश के विकास की बात बोली जाती है तो दूसरी तरफ कुछ लोग अंदर ही अंदर देश को खोखला करने पे तुले हुए है. जिस बैंक को आम जनता सुरक्षा के लिहाज से अपना समझती है आज वही बैंक में बैठे अधिकारी आम लोगों को धोका दे रहे है. नोटबंदी के बाद से ही आम लोग बैंक के बाहर लंबी लंबी कतारों में लगे है ताकि उन्हें घर चलाने के लिए 2-4 हज़ार रुपये मिल जाये तो वहीँ दूसरी तरफ बैंक के अंदर बैठे अधिकारी आम जनता की रुपए का सौदा कर रहे है.
इसे नोटबंदी का असर कहें या बैंकों की गलती की आज कालेधन को बढ़ावा देने में जो सबसे आगे खड़ा दिख रहा है वो है बैंक, सुनकर अजीब लगेगा लेकिन ये एक घिनोनी सच्चाई है हमारे देश की जहाँ कालेधन को सफ़ेद करने का सारा दामोदर बैंकों के कंधों पर है. आम लोग सुबह से शाम तक बैंक के बाहर खड़े है तो कुछ बैंक के कर्मचारी और अधिकारी बड़े लोगों के लाखों-करोड़ों रुपए को वाइट करने का काम कर रहे है. नोटबंदी के बाद से अभी तक 12 राज्यों से 400 करोड़ से ज्यादा की ब्लैकमनी पकड़ी जा चुकी है, अकेले चेन्नई से 150 करोड़ के कालेधन का पर्दाफाश हुआ है, मतलब वो लोग पागल है जो कहते थे,"की भारत एक गरीब देश है"। अरे..! हमारा देश बिलकुल भी गरीब नहीं है, यहाँ के बाथरूम से 50 करोड़ रुपए निकलते है और ऑफिस,घरों से 100 करोड़। नोटबंदी के बाद हर तरफ आयकर विभाग की छापेमारी जारी है, कहीं नए करेंसी के करोड़ों नोट मिल रहे है तो कहीं करोड़ों का सोना, एक सवाल तो सबके मन में है कि जब सरकार दावा कर रही है कि बैंकों और एटीएम में कैश नहीं है तो ये करोड़ों नए नोट कहाँ से आ रहे है? आम जनता को तो 2000 रुपए भी मुश्किल से नसीब हो रहे है तो कुछ लोगों के पास नए करेंसी की भरमार है। मतलब साफ है कि कुछ बैंक के अधिकारी भी ऐसे लोगों का साथ दे रहे है जो भ्रस्ट है, कुछ परसेंट का कमीशन लेकर बैंक अधिकारी करोड़ों की ब्लैकमनी को सफ़ेद करने में मदद कर रहे है, ऐसे में वो आम लोगों को धोका दे रहे है, ये कैसा देश में हरा, अभी तो नए नोटों को आए एक ही महीना हुआ है और अभी से नए नोटों की काला बाजारी आसमान छू रही है।
इसे नोटबंदी का असर कहें या बैंकों की गलती की आज कालेधन को बढ़ावा देने में जो सबसे आगे खड़ा दिख रहा है वो है बैंक, सुनकर अजीब लगेगा लेकिन ये एक घिनोनी सच्चाई है हमारे देश की जहाँ कालेधन को सफ़ेद करने का सारा दामोदर बैंकों के कंधों पर है. आम लोग सुबह से शाम तक बैंक के बाहर खड़े है तो कुछ बैंक के कर्मचारी और अधिकारी बड़े लोगों के लाखों-करोड़ों रुपए को वाइट करने का काम कर रहे है. नोटबंदी के बाद से अभी तक 12 राज्यों से 400 करोड़ से ज्यादा की ब्लैकमनी पकड़ी जा चुकी है, अकेले चेन्नई से 150 करोड़ के कालेधन का पर्दाफाश हुआ है, मतलब वो लोग पागल है जो कहते थे,"की भारत एक गरीब देश है"। अरे..! हमारा देश बिलकुल भी गरीब नहीं है, यहाँ के बाथरूम से 50 करोड़ रुपए निकलते है और ऑफिस,घरों से 100 करोड़। नोटबंदी के बाद हर तरफ आयकर विभाग की छापेमारी जारी है, कहीं नए करेंसी के करोड़ों नोट मिल रहे है तो कहीं करोड़ों का सोना, एक सवाल तो सबके मन में है कि जब सरकार दावा कर रही है कि बैंकों और एटीएम में कैश नहीं है तो ये करोड़ों नए नोट कहाँ से आ रहे है? आम जनता को तो 2000 रुपए भी मुश्किल से नसीब हो रहे है तो कुछ लोगों के पास नए करेंसी की भरमार है। मतलब साफ है कि कुछ बैंक के अधिकारी भी ऐसे लोगों का साथ दे रहे है जो भ्रस्ट है, कुछ परसेंट का कमीशन लेकर बैंक अधिकारी करोड़ों की ब्लैकमनी को सफ़ेद करने में मदद कर रहे है, ऐसे में वो आम लोगों को धोका दे रहे है, ये कैसा देश में हरा, अभी तो नए नोटों को आए एक ही महीना हुआ है और अभी से नए नोटों की काला बाजारी आसमान छू रही है।
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