Monday, 5 December 2016

श्रद्धांजलि नहीं सुरक्षा चाहिए...

बहुत बर्दाश कर लिया..बहुत आसूं बहा लिए..बस अब आर-पार की लड़ाई चाहिए..!! ये बात पूरा हिंदुस्तान बोल रहा है, 125 करोड़ भारतियों की एक ही तम्मना की पाकिस्तान के साथ भी वैसा ही किया जाये जैसा हमारे साथ होता रहा है, पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमला और गोलाबारी अब भारतीय सेना के लिए आम बात हो चुकी है, पाकिस्तान ने एक मुल्क होने का हक़ खो दिया है, रोज़ाना वो हमारे वीर सपूतों पर गोलियां बरसा रहे है और हम अपने जवानों को खो रहे है. आज वीर जवानों की शाहदत पर सब गर्व कर रहे है और उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे है लेकिन सच कहूँ तो हमारे जवानों को श्रद्धांजलि नहीं बल्कि सुरक्षा चाहिए. 
        कभी सोचा है कि सिर्फ हिंदुस्तानी फ़ौज ही हमेसा हमलों की शिकार क्यों बनती है?इतने बड़े देश की सुरक्षा करने वालों को हम इतने जल्दी कैसे खो देते है?क्या हमारी सरकार इतनी कमज़ोर है कि वो हमारे जवानों की सुरक्षा तक नहीं कर सकती? बड़ा अफ़सोस होता है देखकर कि हम शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दे देते है, उनके लिए कैंडल मार्च करते है लेकिन उन्हें सुरक्षा नहीं दे पाते. करोड़ों-अरबों रुपए है हमारी सरकार के पास,आधुनिक टेक्नोलॉजी भी है लेकिन बावजूद इसके हमारे जवानों के पास कुछ ऐसी सुरक्षा नहीं है जिससे वो अपनी जिंदगी को सुरक्षित कर सके, न जवानों को बुलेट प्रूफ कवच दिया गया है न ही आधुनिक हतियार ऐसे में सिर्फ ऐके-47 से कैसे लड़ेंगे हमारे जवान, जरा सी चूक और आतंकी हमला..पहले पठानकोट हमला, फिर उड़ी में सेन्य आतंकी हमला और उनके बाद अब नगरोटा में आतंकी हमला, आतंकवादी हमला तो मानो पाकिस्तान के लिए बहुत छोटी बात है जिसे वो आये दिन अंजाम देते है और हिंदुस्तान आये दिन झेलता है लेकिन कब तक? उनके बलिदान को व्यर्थ क्यों जाने दे, वक़्त आ गया है कि हमारे जवानों को आधुनिक हथियार दिए जाये और उनकी सुरक्षा को बढ़ाया जाए क्योंकि वो सुरक्षित रहेंगे तो हमारा देश सुरक्षित रहेगा।

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