नोटबंदी को 50 दिन होने वाले है, पिछले डेढ़ महीनों से आम जनता एटीएम और बैंक के बाहर कतारों में खड़ी है, कोई अपनी इच्छा से तो कोई मज़बूरी है लेकिन अब वो वक़्त आ चूका है जब लोगों कुछ रुपयों के लिए कई घंटों तक लाइन में खड़े रहे, अब लोगों में सब्र का बांध डगमगाने लगा है और वो आक्रोशित होते दिख रहे है और हो भी क्यों न क्योंकि वो भी देख रहे है कि कहीं चायवाले के पास से करोड़ों रुपए निकल रहे है तो कहीं बैंक अधिकारी ही नई करेंसी को ठिकाने के लिए हाथ काले कर रहे है। नोटबंदी का फैसला अभी बहुत कुछ दिखाएगा..
मेरा नाम राहुल नेगी है , मेरा ब्लॉग जिसका नाम "संवाद.. LETS TALK" है, एक ऐसा मंच है जहाँ में खुद की सोच और जज्बात को बयां करता हूँ -- अपने आस-पास घट रही घटनायों को लेख के माध्यम से दिखाना मुझे पसंद है।
Thursday, 22 December 2016
टूटने लगा है सब्र का बांध..
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment